Sunday, April 5, 2015

LIPID PROFILE : ELEVATED CHOLESTEROL..??? AN ALARMING BELL!!!


बढता कोलेस्ट्रॉल – ख़तरे की घंटी


कैसे करें रोकथाम 


क्या आपकी लिपिड प्रोफाइल बता रही है कि आपका कोलेस्ट्रॉल सामान्य स्तर से अधिक है? अगर हाँ! तो आज से ही अपना खान-पान और जीवनशैली बदलिए, यह हृदय के लिए ख़तरे की घंटी है| भले ही आपके चिकित्सक आपको रक्त-वसा घटाने कि दवा दे रहें हों, फिर भी आपके हृदय को सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए चाहिए संतुलित खान-पान और चुस्त जीवनशैली| दिनचर्या में थोड़ा सा बदलाव बड़ते कोलेस्ट्रॉल के ख़तरे से निज़ात दिला सकता है|


क्या होता है कोलेस्ट्रॉल..???

यह रक्त में उपस्थित घना चिपचिपा वसीय पदार्थ होता है जिसका निर्माण भोजन में उपस्थित घी-तेल जैसे चिकने पदार्थों से मुख्य रूप से हमारे लिवर सेल्स में होता है| इसके आलावा डेयरी उत्पाद, अंडे व मीट आदि में भी बड़ी मात्रा में कोलेस्ट्रॉल पाया जाता है|


शरीर में कोलेस्ट्रॉल का क्या काम है..???

कोलेस्ट्रॉल कि मदद से कोशिका भित्तियाँ अनेक होर्मोनेस जैसे टेस्टॉसटिरोन आदि का निर्माण करतीं हैं, इसके अतिरिक्त अस्थि व सन्धियों के लिए उपयोगी विटामिन D का निर्माण भी कोलेस्ट्रॉल से होता है| भोजन के पाचन में उपयोगी bile के निर्माण के लिए भी कोलेस्ट्रॉल आवश्यक है|


तो कोलेस्ट्रॉल अच्छा है या बुरा..???

शरीर के सुचारू रूप से काम करने के लिए कोलेस्ट्रॉल की बहुत ही सीमित मात्रा चाहिए, किन्तु खान-पान में मोजूद चिकनाई रक्त में, आवश्यकता से कई गुणा अधिक कोलेस्ट्रॉल बड़ा देती है| ये गाड़ा चिपचिपा पदार्थ रक्त-नालियों में जमा होकर रक्त-प्रवाह को रोकने लगता है तो हृदय रोग की सम्भावना कई गुणा बड जाती है|


ये HDL और LDL क्या हैं..???

रक्त में उपस्थित proteins, रक्त-वसा से मिल कर lipoproteins बनाते हैं | यदि रक्त-वसा में proteins कि मात्रा अधिक होती है तो इसे HDL यानि High Density Lipid कहते हैं| यह रक्तवाहिकाओं में जमता नहीं है, इसलिए इससे Good-Cholesterol भी कहते हैं| इसके विपरीत LDL यानि Low Density Lipid में proteins कि मात्रा कम होती है और यह आसानी से रक्तवाहिकाओं में जम कर इन्हें अवरुद्ध कर देता है, इस लिए इसे Bad-Cholesterol भी कहेते हैं| vLDL यानि very Low Density Lipid भी LDL कि तरह Bad-cholesterol कि श्रेणी में आता है| इस में भी proteins कि मात्रा बहुत कम होती है| इसके अतिरिक्त Triglycerides अलग प्रकार कि वसा है| रक्त में vLDL के द्वारा इसका वहन होता है| शरीर में पहुँचने वाली अतिरिक्त ऊर्जा व चर्बी Triglycerides के रूप में वसा कोशिकाओं में संचित होती है|


हृदय रोग के अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल से और क्या-क्या रोग हो सकते हैं..???

कोलेस्ट्रॉल रक्त-वाहिकाओं में जम कर रक्त-प्रवाह को अवरुद्ध करता है| आम तोर पर जिस अंग से सम्बंधित रक्त-वाहिकाएँ ज्यादा अवरुद्ध होतीं हैं, उसी अंग से सम्बंधित लक्षण पहले दिखाई देते है| चूँकि हृदय और मस्तिष्क मार्मिक अंग हैं, इसलिए इनमें उपस्थित लक्षण सर्वाधिक चिंताजनक होते है| कोलेस्ट्रॉल कि अधिकता से होने वाले मुख्य रोग हैं:-
  1. हृदयाघात (Coronary Heart Disease – CHD)
  2. मस्तिष्काघात (Stroke)
  3. परिधीय सम्वाहिनियाघात (Peripheral Vascular Disease)
  4. उच्च रक्त-चाप (Hypertension/Blood-Pressure)
  5. मधुमेह (Type-2 Diabetes)



रक्त में कोलेस्ट्रॉल किन कारणों से बड़ता है..???

रक्त में कोलेस्ट्रॉल कि मात्रा बड़ने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:-
  1. अध्यशन : आवश्यकता से अधिक खान-पान, विशेष रूप से saturated fats से भरपूर भोजन का नित्य सेवन|
  2. श्रमाभाव : शारीरिक श्रम न करना|
  3. सुखासन : सदैव सुख पूर्वक बैठे रहेना|
  4. दिवास्वप्न : दिन में सोना|
  5. स्थौल्य : मोटे लोगों की रक्त-वाहिकाओं में कोलेस्ट्रॉल संचय की सम्भावना पतले लोगों की अपेक्षा अधिक होती है|
  6. वय एवं लिंग : आमतोर पर पुरुषों में स्त्रियों कि अपेक्षा अधिक कोलेस्ट्रॉल पाया जाता है| स्त्रियों में राजोरोध के बाद अपेक्षाकृत तेज़ी से कोलेस्ट्रॉल बड़ता है|
  7. मधुमेह : मधुमेहियों में कोलेस्ट्रॉल संचय कि सम्भावना २ गुणा अधिक होती है|
  8. अनुवांशिक कारण : रक्त-वाहिकाओं में कोलेस्ट्रॉल संचय की प्रवृति अनुवांशिक हो सकती है| जिनके माता-पिता अथवा भाई-बहन को कोलेस्ट्रॉल की समस्या हैं, उनमें भी इस समस्या की सम्भावना बनी रहती है|
  9. अन्य कारण : चयापचय सम्बन्धी रोग जैसे हाइपोथायराइडिज्म व स्टेरॉयड आधारित दवाओं का निरंतर सेवन रक्त-वाहिकाओं में कोलेस्ट्रॉल संचय की सम्भावनाएँ बड़ा देते हैं|


कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए क्या करना चाहिए..???

  1. खान-पान में नियंत्रण
  2. नियमित व्यायाम
  3. समय पर दवाओं का सेवन करें|


खान-पान को कैसे नियंत्रित करें..???

१. भोजन का चुनाव:

  1. रंगीन खायें: भोजन में रंगों का बहुत महत्व है| रंग-बिरंगे फल व सब्ज़ियाँ विटामिनों व एन्टीओक्सिडेन्ट्स से भरपूर होते हैं, इनमें कोलेस्ट्रॉल को कम करने कि अदभुद क्षमता होती है| सफ़ेद, काला व भूरा भोजन यथा संभव न खाएँ|
  2. रसीला खाएँ: रसीले फल विशेष रूप से मौसम्बी, अनार, अंगूर, संतरा आदि कोलेस्ट्रॉल कम करने में सहायक होते है|
  3. तरल खाएँ तैलीय नहीं: सूखी सब्जी के स्थान पर तरी वाली सब्जी खायें| सब्जी बनाते समय कम चिकनाई प्रयोग करें व भोजन कढ़ाही आदि खुले बर्तन के स्थान पर कुकर आदि में ढक कर पकाएं| तला हुआ भोजन त्याग दें|

२. भोजन की मात्रा व विधि:

  1. भोजन छोटे-छोटे बर्तनों में परोस कर खाना चाहिये|
  2. खाने के लिए छोटी चम्मच का प्रयोग करें|
  3. भोजन चबा-चबा कर खायें व धीरे-धीरे खाएँ|
  4. भोजन खाते समय बीच-बीच में १-१ घूँट पानी पीते रहे|
  5. भूख से कम भोजन करें|
  6. समय पर भोजन करें, पूर्व में किये भोजन के पचने से पूर्व पुनः भोजन न करें|


व्यायाम का चुनाव कैसे करें..???

व्यायाम से अभिप्राय केवल जिम (GYM) जा कर भारी-भरकम मशीनों द्वारा कसरत करना नहीं है, आप अपने लिए सरल व्यायाम चुन सकते हैं| ऐसे रुचिपूर्ण क्रियाकलाप जो आपको आनंद से भर देते हों, सर्वोत्तम विकल्प हैं| ये कुछ भी हो सकते हैं, जैसे भागना-दोड़ना, खेल-कूद, नृत्य, तैराकी, योगा, घूमना आदि| जिस क्रिया से हृदय एवं श्वास गति कुछ अन्तराल के लिए बड़े, वह व्यायाम है|


व्यायाम कब और कितना करें..???

सप्ताह में कम से कम ५ दिन व्यायाम अवश्य करें| यदि आप व्यायाम के अभ्यस्त नहीं हैं तो प्रारंभ में प्रतिदिन अत्यल्प (मात्र १० मिनट) व्यायाम ही करें| अभ्यस्त होने पर उत्तरोतर व्यायाम कि मात्रा में वृद्धि करते हुए प्रतिदिन ३० मिनट व्यायाम का अभ्यास करें| तत्पश्चात अपने दैनिक अभ्यास के साथ सप्ताह में २ दिन सुदृढ़ीकरण व्यायाम जैसे भार-ढोना (Weight Lifting), दण्ड-पेलना (Push-ups), उठक-बैठक (Squats), मुक्केबाज़ी, तलवारबाज़ी, योगासन आदि व्यायाम भी करें, इनसे कोलेस्ट्रॉल व रक्त-शर्करा कम करने में सहायता मिलती है व मांसपेशियाँ मज़बूत होती हैं|


क्या वज़न घटाना हितकर है..???

निश्चित ही वज़न घटने से कोलेस्ट्रॉल भी कम होता है, वज़न घटने के साथ साथ व्यायाम करना भी अधिक सुगम होता जाता है| हल्के लोग ज्यादा प्रभावी ढंग से Cardiorespiratory exercises / Aerobics कर सकते हैं|


कोलेस्ट्रॉल कम करने में दवा की क्या भूमिका है..???

आपका चिकित्सक यह बेहतर ढंग से निर्धारित करता है कि आपको दवा की कितनी आवश्यकता है| कृपया चिकित्सक से परामर्श किये बिना दवा का स्वतः सेवन न करें|


कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली घरेलू औषधियाँ क्या हैं..???

  1. सुबह खाली पेट १ गिलास गुनगुने पानी में १ चम्मच नींबू का रस व १ चम्मच शहद मिला कर पियें|
  2. प्रतिदिन प्रातकाल ५ कलि लहसुन मंद आंच पे भून कर गुनगुने पानी से लें|
  3. प्रतिदिन भोजन के साथ जीरा १ ग्राम, हिंग ०.५ ग्राम तवे पर भून लें | १ गिलास ताज़ा छाछ में हल्का नमक मिला कर पियें |
  4. प्रतिदिन भोजन के साथ चंगेरी-हरीमिर्च अथवा पोदीने-धनिये-कच्चीअम्बी या कचरी-हरीमिर्च अथवा मेथीदाना-सौंफ़-कलोंजी-अमचूर-हरीमिर्च की चटनी प्रयोग करें|
  5. भोजन के अंत में अनारदाना अथवा अदरक की खट्टी-मिट्ठी गोलियों का सेवन करें|
  6. सप्ताह में ३ दिन घिये अथवा करेले का जूस पियें|
  7. भोजन में साधारण सिरके के स्थान पर एप्पल-सीडर-विनेगर का प्रयोग करें|

नमक का प्रयोग कम कर दें|

अधिक जानकारी के लिए चिकित्सक से संपर्क करें|


डॉ कमल सेठी (निदेशक)
वैदिक्योर, द हाँलिस्टिक हेल्थ सेंटर

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